पिछले साल हमने देश के कई शहर के नाम को बदलते देखा जैसे की इलाहाबाद बन गया प्रयागराज और फैज़ाबाद बन गया अयोध्या। अब विश्व हिन्दू परिषद् और अखिल भारतीय संत समिति बिहार के बख्तियापुर जिले और बख्तियापुर रेलवे स्टेशन के नाम को बदलवाने की ताक में है।

आपको बता दें की 9 सितम्बर को स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती (जो की अखिल भारतीय संत समिति के महासचिव हैं ) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा जिसमे उन्होंने बख्तियारपुर नाम की व्याख्या की। उन्होंने बतलाया की बख्तियारपुर का नाम मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी के ऊपर रखा गया था, जो की कुतुबुद्दीन एबक का एक सैन्य सिपहसालार था।

बारहवीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी ने बिहार के प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय और विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नेस्तनाबूत कर  दिया था। यही नहीं हज़ारो की संख्या में बौद्ध भिक्षुओं की हत्या भी कर दी थी।

जिन लोगो को नहीं पता उन्हें बता दें की बिहार का नाम विहार से उत्त्पन्न हुआ है। विहार बौद्ध अनुयायीओं के प्रार्थना स्थल को कहते हैं। तो क्या जिस राज्य का नाम बौद्ध अनुयायीओं के प्रार्थना स्थल पर रखा गया हो उस राज्य में कोई ऐसा भी जिला होना चाहिए चाहिए जिसका नाम बौद्ध अनुयायीओं के हत्यारे के ऊपर रखा हो।

विश्व हिन्दू परिषद् और अखिल भारतीय संत समिति ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बख्तियारपुर के लिए कुछ उपयुक्त नाम भी सुझाय है जैसे की चाणक्य, शीलभद्र, और इन्द्रपुष्कर्णी

आपका इस बारे में क्या कहना है, हमें जरूर बतलाईयेगा।

सौरभ कुमार टोनी

अगर मगर और काश में हूँ मैं ख़ुद ही ख़ुद की तलाश में हूँ। भावनाओं को शब्दों में पिरोने...

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