नए मोटर वाहन अधिनियम के अनुशार चालान तो खूब काटा जा रहा है वहीँ आज के दैनिक जागरण के एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया की नए मोटर वाहन अधिनियम से शहर में ऑटो के आवागमन में 60 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है वहीँ शहर में जाम में भी कमी आयी है। मगर मेरा कहना है की शहर में अभी भी जाम की स्थिति जस की तस है, और इसका मूल कारण शहर में अव्यवस्थित पार्किंग है।

अब इसका ठीकरा भी प्रशासनिक अधिकारी आम जनता पे ही फोड़ेंगे। मगर हम जानना चाहते है की शहर में कितने पार्किंग स्टैंड हैं खास तौर पे भीड़ भार वाले इलाके में। सबसे पहले शहर के मुख्य बाज़ार मोतीझील की ही बात करें तो वहां पार्किंग व्यवस्था नहीं है। मजबूरन लोगों को मोतीझील ओवरब्रिज पे पार्किंग करनी पड़ती। हाँ कुछ दिन पहले सुना था की बीबी कॉलेजियेट में मोतीझित के लिए पार्किंग व्यवस्था बनाई जायेगी, मगर अब वो भी बात फिसड्डी मालुम पड़ता है।

जिन लोगो का मानना है की नए मोटर अधिनियम से शहर में जाम में कमी आयी है वो एक बार जुरन छपरा घूम आएं। यहाँ भी आपको जाम का मुख्य कारण पार्किंग में अव्यवस्था मालूम पड़ेगा। वहीँ पार्किंग में अव्यवस्था का कारण पार्किंग स्टैंड न होना है।

ऐसे ही आप शहर कई अन्य जाम प्रभावित जगहों को भी चिन्हित कर सकते है जैसे  कंपनी बाघ, अघोरिया चौक, कलामभाग चौक, जीरो माइल, अखाड़ाघाट, छाता चौक, महेश बाबू चौक, बर्ह्म्पुरा इत्यादि। यहाँ भी जाम का मुख्य कारण पार्किंग में अव्यवस्था  है।

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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