पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में जमीन रजिस्ट्री कराने के लिए कुछ नए प्रावधानों की शुरुआत की थी जिसके तहत राज्य का कोई भी व्यक्ति बिना जमाबंदी के जमीन रजिस्ट्री नहीं करवा सकता है। मुख्यमंत्री का मानना है की जहाँ एक तरफ इस कानून से लोगों को जमीन रजिस्ट्री करने में सहूलियत मिलेगी वहीँ दूसरी तरफ वे जमीन से जुड़ी सच्ची जानकारियां इकठ्ठा कर पाएंगे।
मगर पटना हाई कोर्ट में दायर किये मुकदमे के बाद यह लगता है की बिहार के लोगों ने मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए इस फैसले को सिरे से खारिज कर दिया है। जी हाँ राज्य के कई लोगों ने मुख्यमंत्री के इस फैसले को पटना हाई कोर्ट में चैलेंज किया और अब जीत हांसिल कर लिया है। पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस फैसले को तुरंत खारिज करने को कहा वहीँ दूसरी तरफ उन्हें ३ महीने की मुहलत दी की वो इस कानून को हमेशा के लिए क्यों प्रतिबंधित नहीं करें।
जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बतला दें की अब आप अपने जमीन से जुड़े दस्तावेज अपने अंचल दफ्तर से ही प्राप्त कर सकते हैं। पहले यह व्यवस्था सिर्फ जिला दफ्तर में उपलब्ध थी मगर अब राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से जुड़ी दस्तावेजों को अंचल में भी उपलब्ध करना शुरू कर दिया है।