बीते सोमवार को हुए एक उच्चस्तरीय बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में बढ़ते प्रदुषण के स्तर को देखते हुए कई अहम फैसले लिए। इन सभी फैसलों में जो सबसे चौंकाने वाला फैसला था वो ये की अब राज्य में 15 साल से अधिक पुराने किसी भी सरकारी एवं व्यावसायिक वाहनों का परिचालन नहीं होने दिया जाएगा। वहीँ अगर निजी वाहनों की बात करें तो 15 साल से अधिक पुरानी निजी वाहन को फिटनेट चेकअप करवाने के बाद फिटनेस सर्टिफिकेट प्राप्त करना होगा। इसके अलावा राज्य में बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए कई अन्य फैसले भी लिए गए जो की 7 नवंबर से लागु हो जाएंगे।
जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें की अभी हाल ही में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रकशित एक रिपोर्ट में 102 शहरों को नॉन अटेन्मेंट सिटीज के रूप में चिन्हित किया गया है। नॉन अटेन्मेंट सिटीज वैसे शहरों को कहा जाता है जो राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक को फॉलो नहीं करते। आसान भाषा में ये वो शहर होते हैं जहाँ साँस लेने के लिए हवा को सेहत के लिए काफी खतरनाक माना जाता है। गौर करने वाली बात ये है की इन 102 नॉन अटेन्मेंट शहरों में बिहार के पटना, गया एवं मुजफ्फरपुर को भी चिन्हित किया गया है।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशिल मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव (पर्यावरण) दीपक कुमार सिंह एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पदाधिकारियों को इस नए नियम को पालन एवं लागू करने का निर्देश दिया। वहीँ ये सारे नियम राज्य में 7 नवंबर से लागु हो जायेंगे।