आज जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव को उनके पटना में मंदिरी स्थित आवास पर ही नज़रबंद करवा दिया गया। बातचीत करने पर पता चला की उन्हें धारा 107 के तहत नज़रबंद किया गया है।
राज्य में बेटियों पर बढ़ते अत्याचार व नागरिकता संसोधन बिल के खिलाफ पप्पू यादव ने आगामी 19 दिसंबर को बिहार बंद का ऐलान किया था। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए पप्पू यादव ने कहा की जहाँ एक तरफ सरकार मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के अभियुक्तों को बचने के फ़िराक में लगी हुई है वहीँ दूसरी तरफ वो मुझे मुजफ्फरपुर जाने से भी रोक रही है।
आपको बता दें की मुजफ्फरपुर के अहियापुर के नाजिरपुर गांव में 7 दिसंबर की शाम दो युवकों ने घर में घुस कर एक युवती के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया था वहीँ प्रयास में विफल होने के उपरांत युवती पर किरोसिन तेल छिड़क कर उसे जिन्दा जला दिया। 90% तक जल चुकी युवती को एसकेएमसीएच फिर बाद में पटना के अपोलो बर्न हॉस्पिटल में भर्ती किया गया जहाँ उसने बीते सोमवार को रात 11:40 को अपनी आखड़ी सांसें ली।
पप्पू यादव ने अपने ट्विटर हैंडल पर ट्वीट किया “मुजफ्फरपुर की रेप पीड़िता बेटी जो इस जालिम दुनिया को छोड़कर चली गयी,आज उन्हें न्याय दिलाने जाना था। हर हाल में उस वहशी दरिंदे को स्पीडी ट्रायल के तहत 60 दिन के अंदर फांसी की सज़ा सुनिश्चित करना,वहां जाने का मूल उद्देश्य था। पर सरकार को तो दुष्कर्मियों से प्रेम है, मुझ से दुश्मनी।
इन सबके अलावा अभी ये स्पष्ट नहीं हो पाया है की उन्हें कब तक नज़रबंद रखा जाएगा।