बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन द्वारा राज्य में 22 जनवरी से लेकर 24 जनवरी तक राज्य के सभी दवा दुकानों के बंद का आवाहन किया गया था। संघ द्वारा हड़ताल किये अभी एक दिन भी नहीं हुआ की सरकार को संघ के आगे झुकना पड़ा। आज देर शाम तक संघ अध्यक्ष परसन कुमार सिन्हा व कोषाध्यक्ष प्रदीप चौरसिआ की बिहार स्वस्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार से बात चित हुई।
इस बात चित में संघ ने अपने प्रमुख मांगो को बिहार स्वस्थ्य विभाग सचिव के सामने पेश किया। ये प्रमुख मांग कुछ इस प्रकार से थे।
- दवा दुकानदारों की लाइसेंस रद्द करने पे रोक।
- बिहार सरकार द्वारा किये जाने वाले विभागीय निरिक्षण के दौरान उत्पीड़न करने पे रोक।
- फार्मासिस्ट की समस्या समाधान होने तक पूर्व में जो व्यवस्था चल रही थी उसे ही लागू रहने दिया जाए।
संघ द्वारा पेश की गयी इन मांगों को बिहार स्वस्थ्य विभाग सचिव ने पूरा करने का आश्वाशन दिया। इसके बाद देर शाम बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने राज्यव्यापी 3 दिवसीय हड़ताल वापस लेने की घोसना की।
हिंदुस्तान द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट में बतलाया गया की बिहार राज्य के दवा दुकानदारों द्वारा किये गए इस एक दिन के राज्यव्यापी हड़ताल से तकरीबन 175 करोड़ का दवा कारोबार प्रभावित रहा। बिहार केमिस्ट एवं ड्रगिस्ट एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष प्रदीप चौरसिया की माने तो बिहार राज्य में एक वर्ष में तकरीबन 7000 करोड़ रूपए का दवा का कारोबार होता है।