जी हाँ मीडिया से बातचीत करने के दौरान बीते शनिवार को बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने यह साफ़ कर दिया की बिहार में एनपीआर इस साल 15 मई से शुरू हो जायेगी। इसके अलावा उन्होंने बतलाया की एनपीआर के पहले फेज में हाउस लिस्टिंग व जनगणना की जायेगी जिसे 28 मई तक कम्पलीट कर लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने ये भी कहा की एनपीआर और एनआरसी की बीच कोई सम्बन्ध नहीं है।
इसके अलावा उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व केरला के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन का नाम लेते हुए कहा की किसी भी सरकार में ताकत नहीं को वो अपने राज्य में एनपीआर होने से रोक सकें। उन्होंने बतलाया की सेन्सस से जुड़े काम न करने पर सरकारी अधिकारियों को फाइन व 3 साल जेल का भी प्रावधान है।
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बतलाया की एनपीआर के जरिये ही सरकार को ये पता लगेगा की देश की आबादी कितनी है व देश में आम जन से जुड़े कौन कौन से स्कीम लाने लाभप्रद होंगे।
जब मीडिया कर्मी ने सुशील मोदी से एनआरसी के ऊपर संसद में गृहमंत्री अमित द्वारा दिए गए बयान के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही साफ़ कर दिया है की देश में एनआरसी लागू नहीं होगी और चुकी प्रधानमंत्री का औधा गृहमंत्री से ऊपर होता है तो हमें उनकी बातों को ज्यादा प्राथमिकता देनी चाहिए।
सीएए के बारें में सुशील मोदी ने अभी हाल ही में पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरद्वारा पे हुई पथरबाज़ी का हवाला देते हुए कहा की सीएए ऐसी ही घटनाओं से पीड़ित होने वाले लोगों के लिए है। इसके अलावा जाती आधारित जनगणना के बारे में उन्होंने कहा की उन्होंने केंद्र सरकार से जाती आधारित जनगणना करने की भी मांग की है।