बिहार विधानसभा ने 2021 में जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव किया पास।
बिहार विधानसभा ने 2021 में जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव किया पास।

विधानसभा सत्र के चौथे दिन यानी की आज बिहार विधानसभा ने जातिगत जनगणना कराने का प्रस्ताव सर्वसम्मिति से सदन में पास कर दिया। आपको बता दें की जातिगत जनगणना कराने की मांग बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू व अन्य विपक्षी पार्टी जैसे की राजद 2015 के विधानसभा चुनाव से ही कर रही थी वहीँ इस प्रस्ताव को बिहार विधानसभा में आज सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है।

जातिगत जनगणना 1872 से चलती आ रही थी वहीँ 1931 के बाद जातिगत जनगणना हुआ ही नहीं। वैसे 2011 में जातिगत जनगणना हुआ तो था लेकिन रिपोर्ट को सार्वजानिक नहीं किया था जिसके कारण काफी बवाल भी हुआ था। 1931 में जो जातिगत जनगणना हुआ था उसके आधार पर मंडल कमीशन की सिफारिशों पर उस वक़्त के मौजूदा प्रधानमत्री वीपी सिंह ने ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था।

इस साल के बिहार विधानसभा सत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दो अहम फैसले लेकर सभी विपक्षियों को चुप करा दिया है। सबसे पहले सत्र के दूसरे दिन ही राज्य में एनआरसी लागू नहीं हो इसका प्रस्ताव पास कराया। इसके अलावा एनपीआर भी 2010 के आधार पे हो इसका भी प्रस्ताव पास कराया। इसके बाद आज जातिगत जनगणना कराने की मांग को पास कराया।

नीतीश जी ने कहा की एक बात जातिगत जनगणना हो जाता है तब किसको कितना आरक्षण दिया जाएगा इसके बारे में सोचा जाएगा।

जातिगत जनगणना के बारे में आप क्या सोचते हैं इस बारे में हमें निचे कमेंट सेक्शन में जरूर लिखें।

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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