आज राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने खुलासा किया की वो बिहार में एक नए अभियान की शुरुआत करने जा रहे हैं जिसका नाम उन्होंने बात बिहार की रखा है। प्रशांत का कहना है की वो इस अभियान के जरिये बिहार को देश के 10 सर्वश्रेष्ठ राज्य की सूचि में लेकर आएंगे। इस अभियान के तहत प्रशांत किशोर बिहार में 100 दिनों तक यात्रा करेंगे।
प्रशांत किशोर ने कहा की 20 फरवरी से शुरू होने वाले इस अभियान में हम नीतीश सरकार के कुशासन को लोगों के बीच उजागर करेंगे। पीके का कहना है की जब मैं नीतीश जी के साथ था तो हमारे और नीतीश जी के बीच पार्टी (यानि की जदयू) की विचारधारा को लेकर कई बार विचार विमर्श हुए। वहीँ नीतीश जी ने कहा था की जदयू गाँधी जी की विचारों को कभी नहीं छोड़ेगी लेकिन पिछले कुछ महीनों में जदयू ने उन लोगों के प्रति नरमी दिखाई जो गाँधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को पूजते हैं। प्रशांत ने कहा की मैं गाँधी जी और गोडसे को कतई एक साथ लेकर नहीं चल सकता, इसलिए पार्टी त्याग दिया।
आपको बता दें की साल 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर ने राजद और जदयू के बीच गठबंधन करवाने में अहम भूमिका निभाई थी जिसके जरिये राजद, जदयू गठबंधन भारतीय जनता पार्टी को परास्त कर पायी थी वो भी उस वक़्त जब प्रधानमंत्री मोदी की लहर चरम पे थी।
इसके अलावा हाल ही में हुई दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी प्रशांत किशोर द्वारा गठित भारतीय राजनीतिक कारवाई समिति द्वारा कैंपेनिंग के जरिये अरविंद केजरीवाल की जोरदार जीत हुई। प्रशांत का कहना है की अब बिहार को एक नए नेतृत्व की जरूरत है जिसके लिए हम 20 फरवरी से 100 दिनों की बात बिहार की अभियान शुरू करने जा रहे हैं।