मुजफ्फरपुर: नहीं रहे शाैर्य चक्र विजेता शुकदेव प्रसाद साहनी।
मुजफ्फरपुर: नहीं रहे शाैर्य चक्र विजेता शुकदेव प्रसाद साहनी।

मुजफ्फरपुर जिले के ब्रह्मपुरा निवासी व शौर्य चक्र से सम्मानित नौसेना से रिटायर्ड शुकदेव प्रसाद साहनी का बीते मंगलवार को बैरिया स्थित निजी नर्सिंग होम में निधन हो गया। बताया गया की वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे वहीँ इलाज़ के लिए उन्हें बैरिया स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया था जहाँ उनका बीते मंगलवार को निधन हो गया।

मुजफ्फरपुर साहनी समाज में स्वर्गीय शुकदेव जी को लोग बहुत मानते थे वहीँ उनके निधन उपरांत पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल साहनी ने इसे अपनी व्यक्तिगत क्षति बतलाया।

क्यों मिला था स्वर्गीय शुकदेव जी को शौर्यचक्र?

तो ये बात है 27 जून 1969 की जब भारत समुद्र में आईएनएस कुठार जहाज की परिक्षण कर रहा था। परिक्षण के दौरान जहाज़ के बॉयलर रूम में भाप के लीक होने की शिकायत मिली वहीँ बॉयलर को बंद करने की आवश्यकता थी। शुकदेव जी बायलर रूम में ही कार्यरत थे। भाप लीक होने के दौरान शाफ़्ट रेवोलुशन 140 आरपीएम पे था। वहीँ दोपहर 3 बजे के दौरान जहाज में मौजूद पोर्ट टर्बो ब्लोअर से तेल छितर कर जहाज के मुख्य पंप में जा पहुंचा और पंप में आग लग गयी, देखते ही देखते पूरा बायलर रूम धुएं से भर गया। उस वक़्त बायलर रूम में मौजूद पेटी अफसर इंजीनियरिंग मैकेनिक शुकदेव प्रसाद साहनी ने तेल लीक होने के बावजूद 172 डिग्री फ़ारेनहाइट की तापमान में अपने अपने हांथो को जलाकर तेल लीक होने से रोका।

इस हादसे में सुखदेव जी भी बुरी तरह से आग से झूलस गए थे। वहीँ गंभीर रूप से जख्मी होने के बावजूद उन्होंने तकरीबन अपने 250 साथियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभाई थी। कठिन वक़्त में देश के लिए ये साहसी योग्यदान व शौर्य का परिचय देने के लिए उन्हें 26 जनवरी 1970 को उस के मौजूदा राष्ट्रपति वी. वी. गिरी द्वारा सौर्य चक्र से सम्मानिक किया गया।

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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