वित्तीय वर्ष 2019-20 में समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों के वेतन भुगतान हेतु बिहार सरकार ने पंद्रह अरब उनचालीस करोड़ एक्यावन लाख पैंसठ हजार छः सौ छप्पन रूपए के व्यय की स्वीकृति दे दी हैं। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत कार्यरत शिक्षकों में उत्क्रमित मध्य विद्यालय में जिला संवर्ग के स्नातक प्रशिक्षित वेतनमान के शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक शामिल हैं जिसकी राज्य में कुल संख्या 274681 हैं। वहीँ आपको बता दें की ये सारे शिक्षक पंचायती राज संस्था व नगर निकाय संस्था के अंतर्गत कार्यरत हैं।
अब बिहार सरकार ने इनके वर्तमान वित्तीय वर्ष के वेतन भुगतान का निर्णय लिया है वहीँ उपर्युक्त राशि को सभी जिलों में भेज दिया गया है।
शिक्षकों के वेतन भुगतान में क्यों हुई देरी?
जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बतला दें की समग्र शिक्षा अभियान (तत्कालीन सर्व शिक्षा अभियान) केंद्र प्रायोजित योजना है वहीँ इसमें केंद्र व राज्य की हिस्सेदारी 60:40 की है। पिछले साल 29 मई को भारत सरकार द्वारा समग्र शिक्षा अभियान के लिए PAB (प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड) की बैठक हुई जिसमे वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए केंद्र ने समग्र शिक्षा अभियान के लिए कुल तिहत्तर अरब बेरासी करोड़ अठत्तर लाख पंद्रह हजार रूपए का बजट स्वीकृत किया। अब जैसा की इस योजना में केंद्र व राज्य सरकार की हिस्सेदारी 60:40 की है, तो नियमतः केंद्र सरकार द्वारा कुछ राशि आवंटित किया जाना चाहिए वहीँ राज्य सरकार द्वारा कुछ राशि आवंटित किया जाना चाहिए। हालांकि केंद्र आवंटित राशि राज्य सरकार आवंटित राशि से ज्यादा होगी चुकी हिस्सेदारी 60:40 की है।
इसके बाद PAB की एक रिपोर्ट में बतलाया गया की भारत सरकार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए समग्र शिक्षा अभियान को वास्तविक रूप में कुल छत्तीस अरब तिहत्तर करोड़ एकानवे लाख रूपए ही देगी। वहीँ इन रुपयों में से चौंतीस अरब एकतीस करोड़ छप्पन लाख रूपए केंद्र ने प्रारंभिक शिक्षा के लिए निर्धारित किये।
अब बिहार सरकार का कहना है की वित्तीय वर्ष 2019-20 के बिहार समग्र शिक्षा अभियान मद में केंद्र ने जो राशि (जो की है छत्तीस अरब तिहत्तर करोड़ एकानवे लाख रूपए) मुहैया करवाने का वादा किया था उन्होंने अभी तक पूरा नहीं किया। इस कारण शिक्षकों का वेतन रुका। वहीँ इस योजना के मद में बिहार सरकार ने अलग से वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए एक्यावन अरब उन्यासी करोड़ नब्बे लाख चौबीस हजार रूपए बचा कर रखे थे जिसके जरिये उन्होंने शिक्षकों के वेतन भुगतान का निर्देश दिया है।