बीएस यानी की भारत स्टेज उत्सर्जन मानदंड कुछ मानक है जिसे सरकार ने मोटर वाहन से निकलने वाले वायु प्रदूषकों को विनियमित करने के लिए बनाये हैं। साल 2017 अप्रैल में सरकार ने पूरे देश में बीएस-4 मानदंड को लागू किया था। वहीं साल 2016 में ही सरकार ने घोसना कर दिया था की वे साल 2020 में बीएस-5 मानदंड को लागू करने के बजाये सीधे बीएस-6 मानदंड को लागू करेंगे।
इसके अलावा 24 अक्टूबर 2018 में ही सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया था की 1 अप्रैल 2020 से भारत में कोई भी बीएस-4 वाहन बेचा या पंजीकृत नहीं किया जाएगा। अब चुकी तारीख नजदीक आने को है तो कुछ महीने पहले फेडरेशन ऑफ़ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट से बीएस-4 वाहन बेचने की समय सीमा पर एक महीने की विस्तार देने की अपील की ताकि डीलर्स के पास जो बचे वाहन है वे उसे बेच सके।
एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और दीपक गुप्ता की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई, जिसमें स्पष्ट किया गया कि शीर्ष अदालत एक दिन के लिए भी समय सीमा नहीं बढ़ाएगी। शीर्ष अदालत द्वारा कहा गया की दिए गए आर्डर को अदालत ने डेढ़ साल पहले पास किया था फिर भी आप लोगों ने बीएस-4 वाहन के निर्माण कार्य को नहीं रोका। आप लोगों को पता ही होगा की देश में प्रदुषण अब नाजुक स्थिति पे पहुँच चूका है वहीँ आप लोगों को एक दिन का भी विस्तार देना अब देश के नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा होगा। इसलिए अब 1 अप्रैल 2020 से देश के किसी भी राज्य में न ही बीएस-4 वाहन की बिक्री होगी न ही पंजीकरण।
वैसे आपको बता दें की पहले से ख़रीदे गए वाहन पर सरकार ने किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है हालाँकि आपको अपने वाहन का प्रदुषण प्रमाण पत्र जरूर रखना होगा। कोई भी शोरूम 1 अप्रैल के बाद से बीएस-4 वाहन न बेच पाए इसके लिए सरकार विशेष अभियान भी चलाएगी।
कैसा पता लगाए आपको गाड़ी बीएस के कौन से मानक को फॉलो करता है?
अपने गाड़ी का बीएस मानक आप गाड़ी के रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) या टैक्स इनवॉइस पर देख सकते हैं।