कल है महाशिवरात्रि, ये है पूजा करने का शुभ मुहरत।

हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक महाशिवरात्रि कल मनाया जाएगा। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने कृष्ण पक्ष के चौथे दिन मनाया जाता है लेकिन फागुन महीने के कृष्ण पक्ष के चौथे दिन को शिवरात्रि विशेष व महाशिवरात्रि कहा जाता है। एक साल की बारहों शिवरात्रियों में यह शिवरात्रि विशेष होता है।

शिवरात्रि या महाशिवरात्रि को शिवभक्त देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिवालयों में शिवलिंग पर विशेषतः जल, दूध, और बेलपत्र चढ़ाते हैं। हालांकि पूजन सामग्री में भक्त अपने इक्षा और शक्ति अनुशार अन्य चीज़ें भी शामिल कर सकते हैं जो की इस प्रकार से हैं।

  • शमी के पत्ते
  • सुगंधित फूल
  • धतूरा
  • भांग
  • बेर
  • आम का मंजर
  • जौ की बालें
  • तुलसी दल
  • गाय का कच्चा दूध
  • गन्ने का रस
  • दही
  • शुद्ध देशी घी
  • शहद
  • गंगा जल
  • कपूर
  • धूप
  • दीप
  • रूई
  • चंदन
  • पंच फल
  • पंच मेवा
  • पंच रस
  • इत्र
  • रोली
  • मौली
  • जनेऊ
  • पंच मिष्ठान
  • पूजा के बर्तन, इत्यादि

क्यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

महाशिवरात्रि मनाये जाने के पीछे तीन मान्यताएं प्रचलित हैं जो निम्नलिखित इस प्रकार से हैं।

  1. पहले मान्यता के अनुशार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव अग्नि ज्‍योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हुए थे जिसका न आदि मालूम पर पाया ना ही अंत। कहा जाता है की सृष्टि के रचेता भगवान ब्रम्हा ने इस ज्‍योर्तिलिंग के आदि और अंत को खोजने के लिए हंस का रूप लिया था पर विफल रहे, इसके अलावा भगवान विष्णु ने वराह का रूप लेकर इस ज्‍योर्तिलिंग के आदि अंत को खोजना चाहा और वे भी विफल रहे।
  2. दूसरे मान्यता के अनुशार महाशिवरात्रि के दिन धरती पर 64 जगहों पर ज्‍योर्तिलिंग (शिवलिंग के रूप में) उत्पन्न हुए थे। हालांकि अब तक हमें सिर्फ 12 ज्‍योर्तिलिंगों के बारे में पता हैं जिन्हे 12 ज्‍योर्तिलिंग के नाम से भी जाना जाता है।
  3. तीसरे और आखरी मान्यता के अनुशार महाशिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था।

इस साल महाशिवरात्रि का पूजा संपन्न करने का सबसे शुभ मुहरत।

कल यानी की 21 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जायेगी वहीँ ठीक शाम 5 बजकर 20 मिनट पर चतुर्थी तिथि प्रारंभ हो जायेगी जो की अगले दिन शाम 7 बजकर 2 मिनट पर समाप्त हो जायेगी। कल रात्रि प्रहार की पूजा का समय शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक होगा। कल इसी समय महाशिवरात्रि का पूजा संपन्न करने का सबसे शुभ मुहरत होगा।

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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