जैसा की हमने आपको अपने एक पहले पोस्ट में आपको बतलाया था की 25 फरवरी से बिहार के तकरीबन 40 हज़ार शिक्षक अपनी कुछ मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं जिस कारण से मैट्रिक व इंटर की परीक्षा के कॉपियों के मूल्यांकन पर असर पर सकता है। शिक्षकों की मांगों के अलावा उस पोस्ट में हमने आपको ये भी बतलाया था की इंटर की कॉपियों का मूल्यांकन 26 फरवरी से शुरू हो जाएगा वहीँ मैट्रिक की कॉपियों का मूल्यांकन 5 मार्च से शुरू हो जाएगा। इसके अलावा मूल्यांकन कार्य में बाधा डालने वाले शिक्षकों के विरुद्ध सरकार कड़ा रुख अपनाएगी।
अब मुजफ्फरपुर में सरकार द्वारा कड़ा रुख अपनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इंटर परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य में बाधा डालने वाले जिले के 281 शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है वहीँ उनके खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज़ करने का निर्देश दिया गया है। जिले में तीन जगह इंटर परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन कार्य चल रहा है जिसके लिए 728 शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया था लेकिन मूल्यांकन कार्य में सिर्फ 185 शिक्षक ही सम्मिलित हुए वहीँ 543 शिक्षकों की अनुपस्तिथि दर्ज़ की गयी।
सुबह 11 बजे शनिवार को मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने जब जिला स्कूल स्थित मूल्यांकन केंद्र का निरिक्षण किया तो 90 शिक्षक को अनुपस्थित पाया। इसके अलावा केंद्र के प्रतिनियुक्त डीपीओ भी अनुपस्थित थे जिसे देखते हुए जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने डीपीओ से केंद्र पर अनुपस्थित रहने का स्पष्टीकरण पूछा वहीँ उपर्युक्त अधिकारियों को डीपीओ के एक दिन के वेतन को होल पर रखने का निर्देश दिया। दूसरी तरफ शिक्षकों को निर्देश दिया गया की अगर वे अपनी निर्धारित कामों की पूर्ति नहीं करेंगे तो उनपर कठोर करवाई की जायेगी, चुकी परीक्षा के कॉपियों का मूल्यांकन बच्चों के भविष्य से जुड़ा है।