पटना में कोरोना वायरस के कारण अभी तक दो मरीज़ों की मौत हो चुकी है वहीँ बिहार में कोरोना वायरस संक्रमित मरीज़ों की कुल संख्या फिलहाल तीन बताई जा रही है। सबसे पहले बीते शनिवार को क़तर से आये 38 वर्षीय मुंगेर निवासी सैफ अली की मृत्यु इस बिमारी के कारण पटना के एम्स में इलाज़ के दौरान हो गयी। एम्स निर्देशक डॉ. प्रभात कुमार सिंह के अनुशार सैफ को किडनी फेल होने की शिकायत पर भर्ती किया गया था। लेकिन बाद में जांच करने पर सैफ कोरोना से ग्रषित पाए गए। इस पोस्ट को लिखते समय देश में कुल 7 मरीज़ों की मृत्यु कोरोना से हो चुकी है वहीँ इन सभी मरीज़ों में सैफ सबसे कम उम्र के मरीज़ थे।
इसके बाद आज कोरोना से ग्रषित एनएमसीएच में भर्ती औरंगाबाद निवासी मनोज कुमार की भी मृत्यु हो गई। मनोज हाल ही में अपनी पत्नी के साथ ओडिशा से बिहार आये थे। वहीँ मृतक मनोज की पत्नी भी फिलहाल एनएमसीएच में भर्ती है।
उपर्युक्त मरीजों के अलावा एक अन्य कोरोना ग्रषित महिला भी फिलहाल एम्स में भर्ती है। यह महिला हाल ही में स्कॉटलैंड से पटना आई थी। इन सभी मरीज़ों के कोरोना वायरस से ग्रषित होने की पुष्टि खुद बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने की है। वहीँ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज राज्य में कोरोना संक्रमण से मृत हुए सभी मृतकों के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुमान्य सहायता राशि चार लाख देने का निर्देश दिया है।
चुकी बिहार में अभी तक कोरोना संक्रमण से दो लोगों की मौत हो चुकी है इस कारण राज्य में यह संक्रमण और न फैले इसलिए राज्य के सभी शहरी छेत्र को 31 मार्च तक पूरी से लॉकडाउन करने का आदेश दिया गया है। हालांकि इस दौरान सारी जरूरी सामान बिकते रहेंगे और जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी जैसे की एटीएम, बैंक, दवाखाना, कोषागार कार्यालय, डेरी एवं डेरी से सम्बंधित प्रतिष्ठान, पेट्रोल पंप, सीएनजी स्टेशन, डाकघर, फल सब्जी की दूकान, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया, दूरसंचार सेवा, और ई-कॉमर्स सेवाएं।
उपर्युक्त अवधी के दौरान मालवाहक वाहन, एम्बुलेंस, आवश्यक एवं आपातकालीन सेवाओं से सम्बंधित वाहनों के परिचालन की अनुमति होगी।
कोरोना वायरस से पूरी मानवजाति संकट में है। हमें इस महामारी का डट कर मुकाबला करने हेतु आवश्यक सावधानियां भी बरतनी है। इस बिमारी की गंभीरता को देखते हुए प्रत्येक व्यक्ति का सचेत होना नितांत आवश्यक है। इसका सबसे अच्छा उपाय सोशल डिस्टन्सिंग है।
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