प्रेग्नेंट विरोलॉजिस्ट मीनल दाखवे भोंसले पुणे के एक डायग्नोस्टिक फर्म मैक्रोलैब डिस्कवरी सोलूशन्स के प्रोजेक्ट पर फरवरी 2020 में काम शुरू की। उनके टीम में शामिल सभी दस सदस्यों ने कठिन परिश्रम कर कोरोना टेस्टिंग किट तैयार कर टेस्टिंग किट नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ विरोलोग्य को 18 मार्च 2020 को सौप दिया और अगले ही दिन मीनल ने बेटी को जन्म दिया।
इस टेस्टिंग किट से वायरस से संक्रमित संदिग्धों की जाँच तेजी से हो जायेगी। यह टेस्टिंग किट महज ढाई घंटे में टेस्ट रिजल्ट दे देता है जबकि विदेशी टेस्टिंग किट को रिजल्ट पेश करने में 6 से 7 घंटे का वक़्त लगता है। मीनल द्वारा बनाये गए टेस्टिंग किट से 100 सैंपल टेस्ट किया जा सकता है वहीँ जांच का खर्च भी 1200 रूपए ही आता है। दूसरी और अगर विदेशी किट की बात करें तो वहां जाँच का खर्च 4500 रूपए के करीब आता है।
प्रतिदिन बन रहे 15 हज़ार किट।
मैक्रोलैब डिस्कवरी सोलूशन्स के पास 15 हज़ार टेस्टिंग किट तैयार करने की छमता है वहीँ छमता संवर्धन करने पर 25 हज़ार किट तैयार किया जा सकता है। मैक्रोलाब ने पहले बैच में पुणे, मुंबई, दिल्ली, गोवा, और बेंगलुरु को 150 टेस्टिंग किट भेजा है वहीँ सोमवार को टेस्टिंग किट का दूसरा बैच भी भेजा जाएगा।
सोर्स: इकनोमिक टाइम्स