तेल की बढ़ती कीमतों व कोरोना महामारी के बीच अब बिहार के बस संचालकों ने बस का किराया बढ़ाने की कवायद तेज़ कर दी है। बीते दिनों में देखा गया की कई जगहों पर डीजल की कीमत लगभग पेट्रोल की कीमत के आसपास पहुँच गयी। वहीँ कोरोना के कारण यात्री अभी यात्रा करने से भी परहेज़ कर रहे हैं। इसके बाद अगर यात्री यात्रा कर भी रहे हैं तो पहले जैसे बसों में पर्याप्त मात्रा में यात्री नहीं रहते। इन सभी चीज़ों को देखते हुए बिहार के बस संचालकों ने बस का किराया बढ़ने की कवायद शुरू कर दी है। तो ये संभावित है की राज्य में बस का किराया 25 से 30 प्रतिशत महँगा हो सकता है।
मौजूदा समय में बिहार में तकरीबन 65 हज़ार निजी व 600 बिहार राज्य पथ परिवहन निगम की बसें चलती है।
एक तरफ जहाँ अगर बस का किराया बढ़ता है तो बस संचालकों को मुनाफा होगा वहीँ जनता को एक साल के अंदर ही डेढ़ गुना ज्यादा किराया देना पर जाएगा। अगर आपको याद हो तो पिछले साल ही बस किराया में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गयी थी। उदाहरण के लिए आप मुजफ्फरपुर और पटना के बीच बस का किराया को देख लीजिये। पहले मुज़फ़्फ़रपुर और पटना के बीच बस का किराया 90 रूपए था वहीँ पिछले वर्ष 20 प्रतिशत किराये में वृद्धि होने के कारण मुज़फ़्फ़रपुर और पटना के बीच बस का किराया 110 रूपए हो गया था। अब अगर 30 प्रतिशत किराया और बढ़ता है तो मुज़फ़्फ़रपुर और पटना के बीच बस का नया किराया 143 रूपए हो जायेगा।
पटना से बिहार के अलग अलग जिलों में जाने के लिए बस का वर्तमान किराया कुछ इस प्रकार से है।
एसी का किराया | नॉन-एसी का किराया | |
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पटना से मुजफ्फरपुर | रू 140 | रू 110 |
पटना से मोतिहारी | रू 240 | रू 200 |
पटना से बेतिया | रू 300 | रू 260 |
पटना से सीतामढ़ी | रू 220 | रू 190 |
पटना से दरभंगा | रू 180 | रू 150 |
पटना से मधुबनी | रू 240 | रू 200 |
पटना से सिलीगुड़ी | रू 600 | रू 550 |
पटना से रांची | रू 350 | रू 300 |
पटना से टाटा | रू 650 | रू 600 |
पटना से पूर्णिया | रू 350 | रू 300 |