आईसीएमआर और भारत बायोटेक के साझेदारी से तैयार किया गया भारत के पहले कोरोना के दवा का ट्रायल आज देश के 12 चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में शुरू हो गया है। इन 12 मेडिकल संस्थानों में पटना स्थित एम्स अस्पताल भी शामिल है। जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बता दें की आईसीएमआर और भारत बायोटेक ने साथ मिलकर भारत के पहले कोरोना के दवा कोवाक्सिन का निर्माण किया है वहीं अब इस दवा का ह्यूमन ट्रायल देश के 12 चुनिंदा मेडिकल संस्थानों में शुरू कर दिया गया है।
एम्स पटना के सुपरिंटेंडेंट डॉ सीएम सिंह ने कहा की जानवरों पर इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल पूरा हो चूका है और यह पाया गया की इस दवा के उपयोग से उनका इम्यून सिस्टम काफी विकसित हुआ है। डॉ. सिंह ने बतलाया की अब इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल इंसानों पे किया जाएगा और पहले फेज में इसे 100 लोगों पे आजमाया जायेगा, वहीँ मनवांछित परिणाम पाए जाने पे दूसरे फेज में इसे और भी मरीज़ों को दिया जाएगा। फिलहाल इन सभी 12 मेडिकल संस्थानों में कोवाक्सिन का क्लीनिकल ट्रायल अगले 8 से 12 महीनों तक चलेगा।
इसके अलावा डॉ. सिंह ने बतलाया की फिलहाल इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल 22 से 50 उम्र के स्वस्थ लोगों पे किया जाएगा। केंद्र सरकार की निगरानी में फिलहाल इस परियोजना को शीर्ष स्तर पर रखा गया है वहीँ आईसीएमआर ने कहा है की सब कुछ ठीक रहा तो तो 15 अगस्त 2020 तक इस दवा को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपयोग के लिए लांच कर दिया जाएगा।
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