बिहार में वैसे तो 31 जुलाई तक राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन की घोसना कर दी गयी है लेकिन आवश्यक सेवाओं को प्रतिबंधित नहीं किया गया है और इन आवश्यक सेवाओं की जद में बैंक भी आते हैं।
एक रिपोर्ट के अनुशार बिहार में अब तक तकरीबन 1 हज़ार से ज्यादा बैंक कर्मी कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। सिर्फ पटना में ही ढाई सौ से अधिक बैंक कर्मी इस बिमारी के चपेट में आ चुके हैं।
हालांकि आपको बता दें की अभी तक सरकार द्वारा बैंक कर्मियों के कोरोना संक्रमण को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया गया है।
बैंक कर्मियों में तेज़ी से फैलते कोरोना संक्रमण को देख राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी ने एक प्रस्ताव तैयार किया है जिन्हे वो जल्द बिहार के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी को सौंपने वाले हैं और फिर उनके जरिये ये प्रस्ताव केंद्रीय वित्त मंत्रालय को भेजने की योजना बनाई गयी है।
इस प्रस्ताव में राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी ने राज्य में कोरोना के ख़राब हालात को देखते हुए बैंको के लिए कुछ खास नियम और मानकों को लागू करने की मांग की है जो की निम्नलिखित इस प्रकार से हैं।
- कमेटी ने मांग की है की राज्य में मौजूद सभी बैंकों का समय फिलहाल सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक ही हो।
- इसके अलावा बैंक कर्मियों को वैकल्पिक दिन आने की इजाजत दी जाए।
- निजी अस्पतालों को भी कोरोना के इलाज़ करने के लिए अनुमति दी जाए ताकि इन विभिन्न अस्पतालों से बैंक जुड़ कर आसानी से अपने कर्मियों का इलाज़ करवा पाएं।
- बैंककर्मियों के लिए अलग से आइसोलेशन सेंटर या किसी होटल को चिन्हित किया जाए।