मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही बूढ़ी गंडक नदी।

बागमती, गंडक, लखनदेई व मनुषमारा के बाद अब बूढ़ी गंडक ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया है। नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। उफनाई नदी ने अब शहर के हिस्सों को प्रभावित करना शुरू कर दिया है। दो दर्जन से अधिक मोहल्लों में पानी घुसने के बाद लोग सुरक्षित ठिकाने की ओर जाने लगे हैं।

बूढ़ी गंडक का पानी तेजी से शहर के बाहरी हिस्सों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। अमरूद बगान व जाकरिया कॉलोनी की ओर भी पानी का प्रवाह हो गया है। इसके अलावा बूढ़ी गंडक के किनारे बसे झील नगर, कर्पूरी ग्राम, आश्रम घाट, हनुमंत नगर, चंदरबरदाई नगर, बालूघाट, चंदवारा, लकड़ीढाई, मुक्ति धाम, शेखरपुर ढाब व जीरोमाइल को अपनी चपेट में ले लिया है। इन इलाकों में घरों में पानी घुस गया है और लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। हालांकि, कुछ लोग अब भी घर की छतों व दूसरी मंजिल पर शरण लिए हुए हैं। इसके अलावा जीरोमाइल, मिठनसराय, विजय छपरा, अब्दुल नगर उर्फ माधोपुर में भी पानी घुस गया है। इस इलाके में लोगों ने तेजी से अपने घरों को खाली करना शुरू कर दिया है। नदी के तटबंध पर रजवारा से आगे एक फिर दबाव बनने लगा है और कई जगह रेन कट के कारण तटबंध कमजोर भी पड़ा है।

बूढ़ी गंडक का जलस्तर खतरे के निशान से दो सेमी ऊपर पहुंच गया है और अब बांध पर दबाव बढ़ने के साथ शहर के बड़े हिस्से पर खतरा बढ़ गया है। मंगलवार को प्रशासनिक माइकिंग के बाद बहुत सारे लोगों ने बांध के अंदर बने अपने घरों को छोड़ ऊंचे स्थानों पर शरण ले लिया है, हालांकि कुछ लोग स्थिति जल्द सामान्य होने की आशा में अब भी अपने घरों में बने हुए हैं।

via: हिंदुस्तान

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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