अब बिहार के सभी 9 मेडिकल कॉलेज अस्पताल में होगा कोरोना पीड़ितों का इलाज़।

कोरोना का टीका लगाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है बहरहाल फिलहाल नियामक संस्था द्वारा किसी कोरोना दवाई के मंजूरी का इंतज़ार किया जा रहा है।

बताया ये जा रहा है की राज्य सरकार कोरोना टीकाकरण केंद्र को मतदान केंद्र के रूप में स्थापित करेगी। वहीँ प्रत्येक टीकाकरण केंद्र पे कम से कम 100 लोगों को टीका लगाया जाएगा।

टीकाकरण प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता दी जायेगी। अब जैसा की आप सब को पता ही है की स्वास्थ्य कर्मियों की सूची में डॉक्टर, स्टाफ, नर्स आदि शामिल है।

स्वास्थ्य कर्मियों के बाद, पुलिसकर्मी, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, बैंक कर्मचारी आदि जैसे फ्रंटलाइन योद्धाओं को टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।

उसके बाद 60 वर्ष से अधिक के लोगों को टीकाकरण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। अगली प्राथमिकता सार्वजनिक प्रतिनिधियों, सरकारी अधिकारियों और श्रमिकों, दुकानदारों और व्यापारियों को दी जाएगी।

वैसे आप सभी को बता दूँ की भारत में अब तक जो भी कोरोना की दवा हासिल की है वो दो खुराक वाली दवा है जिसमे पहली खुराक के बाद, दूसरी खुराक 14 से 28 दिनों के अंतराल के बाद दी जायेगी। वहीँ दवा को सही ढंग से लेने के लिए दोनों खुराक का लेना जरूरी है।

लोगों का सफलतापूर्वक टीकाकरण कराने के लिए, राज्य सरकार ने राज्य के जिलों के जिलाधिकारियों को नोडल अधिकारी बनाया है।

संजय कुमार मोनू

संजय को मुजफ्फरपुर और बिहार के बारे में लिखना पसंद है। इसके अलावा अपने खाली समय...

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