कल यानी की 10 जून 2021 को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है। हालाँकि भारत में इस सूर्य ग्रहण का प्रभाव कुछ ही राज्यों पर पड़ेगा, जिसके बारे में हमने निचे बतलाया है।
आपमें से बहुतों को पता ही होगा की सूर्यग्रहण एक खगोलीय घटना है जो तब घटित होता है जब चंद्रमा सूरज और धरती के बीच आ जाता है।
चंद्रमा के सूरज और धरती के बीच में आने से सूर्य की रौशनी कुछ वक्त तक धरती पे नहीं पड़ती जिसे कई शास्त्रों में अशुभ माना जाता है।
हिन्दू धर्म में सूर्यग्रहण को क्यों माना जाता है अशुभ?
सूर्यग्रहण का उल्लेख हिन्दू धर्म के प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद में भी मिलता है। इस ग्रन्थ में स्वरभानु राक्षस को सूर्यग्रहण का कारण बताया जाता है। आपको बता दें की स्वरभानु ही वो राक्षस था जिसे भगवान विष्णु ने अपने चक्र से काट कर राहु और केतु का उत्पत्ति किया था।
ऋग्वेद के अलावा सूर्यग्रहण का जिक्र, मनुस्मृति, ग्रहलाघव, निर्णयसिंधु, अथर्ववेद, और यहाँ तक की महाभारत में ही मिलता है।
महाभारत में सूर्य ग्रहण के दौरान ही पांडव जुए में अपना सब राजपाठ हार गए थे।
जून 10 2021 का सूर्य ग्रहण समय sutak
10 जून 2021 को साल 2021 का सबसे पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है जो दोपहर 1:42 मिनट पर शुरू होगा और शाम 6:41 मिनट पर ख़त्म हो जाएगा।
भारत में इस सूर्यग्रहण का प्रभाव सिर्फ दो राज्यों पर पड़ेगा। पहला लद्दाख और दूसरा अरुणाचल प्रदेश।
भारत के अलावा इस ग्रहण को कई और देशों में भी देखा जा सकेगा जैसे की कनाडा, ग्रीनलैंड, और रूस।
आपमें से जिन लोगों को नहीं पता उन्हें बतला दें की सूर्यग्रहण औसतन हर अठारह महीने पे लगता है वहीँ चंद्र ग्रहण साल में औसतन दो बार लगता है। इसके अलावा सूर्यग्रहण को खुली आँखों से देखना खतरनाक है वहीँ चंद्रग्रहण को खुली आँखों से देखा जा सकता है।