बिहार पंचायत चुनाव में मतदान केंद्र की व्यवस्था इतनी बदहाल है की इस बात का अंदाज़ा सिर्फ इसी बात से लगाया जा सकता है की कहीं मतदान केंद्रों को जर्ज़र भवन में बना दिया गया है तो कहीं धान के खेत में।
अधिकतर केंद्रों पे नाही स्वच्छ पेय जल की व्यवस्था है और नाही शौचालय की।
मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के कुछ मतदान केंद्र तो ऐसे हैं जहाँ मतदान कर्मियों को सर छुपाने के लिए छत तक नहीं है। इसके अलावा कई मतदान केंद्र बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं।
ऐसा नहीं की ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से इसके बारे में अनुरोध नहीं किया है। सबने किया पर जनप्रतिनिधियों ने इस मुद्दे को अनदेखा करना ज्यादा मुनासिब समझा।
गया जिले में तो हद ही हो गयी। जिले के अतरी प्रखंड के डिहुरी पंचायत के डिहुरी गाँव में बूथ संख्या 3 को धान के खेत में बना दिया गया। मतदाताओं का कहना है की मध्य विद्यालय स्कूल होने के बावजूद खेत में बने आँगनबाड़ी केंद में बूथ संख्या तीन को बनाया गया है।
एक तरफ जहाँ मतदाता कर्मी इस चुनाव को भयभीत माहौल में संपन्न करने को मजबूर हैं वहीँ दूसरी ओर मतदाताओं को अपना मत डालने में खासी परेशानियों का सामना करना पर रहा है।
आपमें में जिनको नहीं पता, फिलहाल बिहार में पंचायत चुनाव चल रहा है जो की दिसंबर में जाके ख़त्म होगा। यह चुनाव कुल 11 चरणों में जाके संपन्न होगा।
संदर्भ – लाइव सिटीज और हिंदुस्तान